विद्याभारती अखिल भारतीय गीत
सत्र 2019-20
तन मन धन जीवन अर्पण कर भारत श्रेष्ठ बनाऐंगें ।
अपनी मेहनत से इस जग में हम सिर मौर कहाऐंगें । ।
राम कृष्ण गौतम गुरू नानक की यह पावन पुण्य धरा ।
शस्य श्यामला सुरभित कण – कण अणु – अणु में अनुराग भरा ।
मंगलमय जीवन हो सबका ऐसी ज्योति जलाऐंगें ।
तन मन . . निज सस्कृति का सम्बल ले हम नई सोंच अपनाएंगे ।
कोई भी न पीछे हो सब कदम से कदम मिलाएँगें । । ।
उठे चले हम बढे निरन्तर सबमें भाव जगाएँगे । तन मन . . . . . .
स्वच्छ हमारे घर आँगन हो वन उपवन हरियाली हो ।
गंगा की निर्मल धारा हो घर – घर में खुशहाली हो । । ।
जननी जन्म भूमि अति सुन्दर , इसमे स्वर्ग सजाएँगे । तन न . . .